डाउनलोड्स टॉपर्स कॉपी सामान्य अध्ययन
सामान्य रूप से मानवाधिकारों को देखा जाए तो मानव जीवन में भोजन पाने का अधिकार, शिक्षा का अधिकार, बाल शोषण, उत्पीड़न पर अंकुश, महिलाओं के लिए घरेलू हिंसा से सुरक्षा, उसके शारीरिक शोषण पर अंकुश, प्रवास का अधिकार, धार्मिक हिंसा से रक्षा आदि को लेकर बहुत सारे कानून बनाए गए हैं जिन्हें मानवाधिकार की श्रेणी में रखा गया है। ये अधिकार सभी अन्योन्याश्रित और अविभाज्य हैं। मानव अधिकार का ढांचा मानव अधिकारों की शक्ति का सही उपयोग करने के लिए उनकी पर्याप्त जानकारी एवं आम लोगों तक उनकी पहुंच अतिआवश्यक है। इसके लिए एक ढांचा होना जरूरी है।
अवर सचिव संयुक्त राष्ट्र और शेफ डी कैबिनेट
वास्तव में प्रत्येक व्यक्ति को ऐसे जीवनस्तर को प्राप्त करने more info का अधिकार है, जो उसे और उसके परिवार के स्वास्थ्य, कल्याण और विकास के लिए आवश्यक है। मानव अधिकारों में आर्थिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक अधिकारों के समक्ष समानता का अधिकार एवं शिक्षा का अधिकार आदि नागरिक और राजनीतिक अधिकार भी सम्मिलित हैं।
श्री न्याय मूर्ति गोविन्द प्रसाद माथुर
श्री न्याय मूर्ति बाबू लाल चंदूलाल पटेल
इस अधिकार के अनुसार गुलामी और गुलामी के व्यापारियों को हर रूप में प्रतिबंधित किया गया है। हालांकि दुर्भाग्य से ये दुर्व्यवहार अब भी अवैध तरीके से चलते हैं।
शव को घर तक पहुंचाने के बाद एंबुलेंस के चालक ने मांगे पैसे, ग्रामीणों ने कर दिया 'वायरल' इंदिरा सागर डैम से छोड़ा जा रहा इतना... पानी, जल प्रपात सा दिख रहा नजारा, लुभा रहा पर्यटकों का मन लोकप्रिय
मानवाधिकार मुद्दों पर ऑनलाइन प्रशिक्षण
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मानव द्वारा मानव के दर्द को पहचानने और महसूस करने के लिए किसी खास दिन की जरूरत नहीं होती है। अगर हमारे मन में मानवता है ही नहीं तो फिर हम साल में पचासों दिन ये मानवाधिकार का झंडा उठाकर घूमते रहें, तो कुछ भी नहीं किया जा सकता है। ये तो वो जज्बा है, जो हर इंसान के दिल में हमेशा ही बना रहता है, बशर्ते कि वह इंसान संवेदनशील हो। क्या हमारी संवेदनाएं मर चुकी हैं?
प्यार में धोखा खा चुकी हैं प्राची देसाई
पाकिस्तान का दोहरा चरित्र कभी विश्वसनीय नहीं हो सकता
“लोगों को उनके मानव अधिकारों से वंचित करना उनके द्वारा मानवता को बहुत बड़ी चुनौती है।”